Page 44 - Elixir 2023-24
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गुरवे नमो नमः                                                           नाह  ...



            जो हमे सह  – गलत क  पहचान करवाता है                                     एक उगवला असा  दवस

            वह  ान का  शखर भी कहलाता है                                              याला रा च नाह

            िजनक  वजह से  ान  ा त करना हआ संभव                                      तर एक होती गो ट अशी,
                                                        ु
            उ ह ने ह  तो  व यालय मे करवाया ममता का                                   याला पा च नाह .

            अनुभवll                                                                      एक आणले पु तक असे,


                 वह एक गु  ह  है जो है जीवन का आधार                                       यात अ रच नाह .

                 गु  मे बसा है सारा संसार                                                तर एक होते घ याळ असे,

                 गु  ने  मटाया जीवन का अंधकार                                             याला हातच नाह .

                  य क  गु  भी है ई वर का अवतार ll                                   एक  वचारला   न मी,

            मु   बना  ान कहाँ                                                        याचे उ रह  नाह .

            अपने संसार से तु हारा प रचय करवाया                                      तर एक ऐकले उ र असे,

            उसने तु हे भले-बुरे का आभास करवाया                                       याला   नच नाह .


            गु  ने बाँटा है अपना  ान                                                     संपल  माझी ह  क वता.

            इसक  वजह से कहलाए  व वान                                                      हणत  हणत नाह .

            अपने  दन क  शु वात करो                                                       बघा ना या क वतेला मा या,

            उ हे नमन करकर ll                                                             काह  अथ च नाह .

            ओवी घाणेकर ( 9B)                                                        वारे  ा मी अमोलचं  क याणी  (8D)
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